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Wednesday 8 October 2014

GK Tricks Science विज्ञान चालीसा

 

जय न्यूटन विज्ञान के आगर,

गति खोजत ते भरि गये सागर ।

ग्राहम् बेल फोन के दाता,

जनसंचार के भाग्य विधाता ।

बल्ब प्रकाश खोज करि लीन्हा,

मित्र एडीशन परम प्रवीना ।

बायल और चाल्स ने जाना,

ताप दाब सम्बन्ध पुराना ।

नाभिक खोजि परम गतिशीला,

रदरफोर्ड हैं अतिगुणशीला ।

खोज करत जब थके टामसन,

तबहिं भये इलेक्ट्रान के दर्शन ।

जबहिं देखि न्यट्रोन को पाए,

जेम्स चैडविक अति हरषाये ।

भेद रेडियम करत बखाना,

मैडम क्यूरी परम सुजाना ।

बने कार्बनिक दैव शक्ति से,

बर्जीलियस के शुद्ध कथन से ।

बनी यूरिया जब वोहलर से,

सभी कार्बनिक जन्म यहीं से ।

जान डाल्टन के गूँजे स्वर,

आशिंक दाब के योग बराबर ।

जय जय जय द्विचक्रवाहिनी,

मैकमिलन की भुजा दाहिनी ।

सिलने हेतु शक्ति के दाता,

एलियास हैं भाग्यविधाता ।

सत्य कहूँ यह सुन्दर वचना, ल्यूवेन हुक की है

यह रचना ।

कोटि सहस्र गुना सब दीखे,

सूक्ष्म बाल भी दण्ड सरीखे ।

देखहिं देखि कार्क के अन्दर,

खोज कोशिका है अति सुन्दर ।

काया की जिससे भयी रचना,

राबर्ट हुक का था यह सपना ।

टेलिस्कोप का नाम है प्यारा,

मुट्ठी में ब्रम्हाण्ड है सारा ।

गैलिलियो ने ऐसा जाना,

अविष्कार परम पुराना ।

विद्युत है चुम्बक की दाता,

सुंदर कथन मनहिं हर्षाता ।

पर चुम्बक से विद्युत आई,

ओर्स्टेड की कठिन कमाई ।

ओम नियम की कथा सुहाती,

धारा विभव है समानुपाती ।

एहि सन् उद्गगम करै विरोधा,

लेन्ज नियम अति परम प्रबोधा ।

चुम्बक विद्युत देखि प्रसंगा,

फैराडे मन उदित तरंगा ।

धारा उद्गगम फिरि मन मोहे,

मान निगेटिव फ्लक्स के होवे ।

जय जगदीश सबहिं को साजे,

वायरलेस अब हस्त बिराजै ।

अलेक्जेंडर फ्लेमिंग आए,

पैसिंलिन से घाव भराये ।

आनुवांशिकी का यह दान,

कर लो मेण्डल का सम्मान ।

डा रागंजन सुनहु प्रसंगा,

एक्स किरण की उज्ज्वल गंगा ।

मैक्स प्लांक के सुन्दर वचना,

क्वाण्टम अंक उन्हीं की रचना ।

फ्रैंकलिन की अजब कहानी,

देखि पतंग प्रकृति हरषानी ।

डार्विन ने यह रीति बनाई,

सरल जीव से सॄष्टि रचाई ।

परि प्रकाश फोटान जो धाये,

आइंस्टीन देखि हरषाए ।

षष्ठ भुजा में बेंजीन आई,

लगी केकुले को सुखदाई ।

देखि रेडियो मारकोनी का,

मन उमंग से भरा सभी का ।

कृत्रिम जीन का तोहफा लैके,

हरगोविंद खुराना आए ।

ऊर्जा की परमाणु इकाई,

डॉ भाषा के मन भाई ।

थामस ग्राहम अति विख्याता,

गैसों के विसरण के ज्ञाता ।

जो यह पढ़े विज्ञान चालीसा, देइ उसे विज्ञान

आशीषा ।........by rahul dev

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